महामृत्युंजय जाप एवं हवन

भगवान शिव के उपचारकारी मंत्र की शक्ति का अनुभव करें – सुरक्षा, स्वास्थ्य और आंतरिक शांति के लिए।

महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव को समर्पित सबसे शक्तिशाली और पवित्र मंत्रों में से एक है। यह मंत्र भय, रोग और मृत्यु के विनाशक भगवान शिव की स्तुति करता है। इस मंत्र का जाप और हवन (अग्नि अनुष्ठान) करना उपचार, सुरक्षा और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।

शिव शक्ति ज्योतिष केंद्र में यह दिव्य अनुष्ठान पूर्ण वैदिक परंपराओं और शुद्ध भावनाओं के साथ किया जाता है, अनुभवी ज्योतिषाचार्य और पुरोहित पं. दयाराम शर्मा जी के मार्गदर्शन में।

जाप एवं हवन के लिए संपर्क करें

महामृत्युंजय मंत्र

“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥”

अर्थ:

हम त्रिनेत्रधारी भगवान शिव की उपासना करते हैं जो सुगंध की तरह सर्वत्र व्याप्त हैं और सबका पालन करते हैं।
वे हमें रोग, भय और मृत्यु के बंधन से मुक्त करें और अमृतत्व प्रदान करें।
यह मंत्र ऋग्वेद से लिया गया है और इसे “मोक्ष, स्वास्थ्य और अमरत्व” का द्वार कहा जाता है।

🔱 महामृत्युंजय जाप क्या है?

महामृत्युंजय जाप एक ऐसा वैदिक अनुष्ठान है जिसमें वेदपाठी ब्राह्मण विशेष विधि से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं।
जाप के साथ हवन (Agni Ritual) किया जाता है ताकि मंत्र की ऊर्जा अग्नि के माध्यम से संपूर्ण वातावरण में फैल सके।

इस अनुष्ठान का उद्देश्य होता है —

  • असाध्य रोगों से मुक्ति
  • मृत्यु के भय से सुरक्षा
  • मानसिक शांति
  • ग्रह दोष निवारण
  • परिवारिक कल्याण और जीवन की दीर्घायु

संक्षेप में:
👉 यह पूजा शरीर, मन और आत्मा — तीनों स्तर पर शुद्धिकरण करती है।

महामृत्युंजय जाप के लाभ

🕉️ स्वास्थ्य और दीर्घायु
यह जाप शरीर के रोगों को दूर कर जीवन में नई ऊर्जा और स्फूर्ति भरता है। असाध्य बीमारियों के रोगी के लिए यह अत्यंत शुभ माना जाता है।

🧘 मानसिक शांति
जाप से मन में स्थिरता आती है, भय, चिंता और तनाव समाप्त होते हैं। यह ध्यान और आंतरिक संतुलन को बढ़ाता है।

🔥 संकट से रक्षा
यह भगवान शिव की कृपा से व्यक्ति को दुर्घटनाओं, अकाल मृत्यु, और संकटों से बचाता है।

🌕 ग्रह दोष निवारण
यह हवन राहु-केतु, शनि, मंगल और कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करता है।

🪔 परिवारिक सुख और आध्यात्मिक उन्नति
घर में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है, पारिवारिक विवाद शांत होते हैं और अध्यात्म के मार्ग में प्रगति होती है।

🌺 पितृ दोष शांति
यह अनुष्ठान पितृ दोष शांति के लिए भी किया जाता है जिससे वंशजों को आशीर्वाद मिलता है।

🔥 हवन विधि एवं प्रक्रिया – कैसे होता है यह अनुष्ठान?

महामृत्युंजय जाप एवं हवन अत्यंत शुद्ध और अनुशासित वैदिक प्रक्रिया है।

चरणबद्ध विधि:

संकल्प:
यजमान (पूजा करवाने वाला व्यक्ति) का नाम, गोत्र, और उद्देश्य लेकर पंडित जी पूजा आरंभ करते हैं।

गणेश पूजन:
भगवान गणेश की आराधना से सभी विघ्न दूर किए जाते हैं।

कलश स्थापना:
पवित्र जल से कलश स्थापित कर, नवग्रह, दिशाओं और पंचतत्वों का आह्वान किया जाता है।

महामृत्युंजय जाप:
108, 1100, या 1,25,000 बार मंत्रोच्चारण किया जाता है।

हर मंत्र उच्चारण के साथ श्रद्धा और भक्ति से ऊर्जावान कंपन उत्पन्न होता है।

हवन:
मंत्रोच्चारण के साथ अग्नि में घी, बेलपत्र, धतूरा, चंदन, कपूर, और औषधीय लकड़ियाँ अर्पित की जाती हैं।

यह अग्नि शुद्धिकरण एवं दिव्य ऊर्जा का प्रतीक है।

पूर्णाहुति:
हवन की अंतिम आहुति देकर अनुष्ठान पूर्ण किया जाता है।

यजमान को आशीर्वाद और प्रसाद प्रदान किया जाता है।

आशीर्वाद एवं समापन:
भगवान शिव से दीर्घायु, स्वास्थ्य, और समृद्धि का वरदान मांगा जाता है।

पूजा की अवधि:

  • सामान्य जाप: 1–2 घंटे
  • विशेष संकल्प / 1,25,000 मंत्र जाप: 1–3 दिन
🌞 कब कराएं महामृत्युंजय जाप?

शुभ अवसर:

  • सोमवार या प्रदोष व्रत
  • महाशिवरात्रि
  • श्रावण मास या शिवरात्रि माह
  • ग्रहण के दिन
  • जन्मदिन, विवाह वर्षगांठ या नया घर लेने पर

विशेष परिस्थितियाँ:

  • गंभीर बीमारी या ऑपरेशन से पूर्व
  • ग्रह दोष या कुंडली में मृत्यु योग होने पर
  • भय, असुरक्षा या नकारात्मक ऊर्जा महसूस होने पर
  • किसी परिवारजन की आयु वृद्धि हेतु

ऑनलाइन महामृत्युंजय जाप एवं हवन सेवा

अब आप घर बैठे भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं!
हमारे ऑनलाइन महामृत्युंजय जाप सेवा के माध्यम से आप विश्व के किसी भी कोने से पूजा करवा सकते हैं।

सेवा विशेषताएँ:

✅ पंडित जी द्वारा मंदिर में लाइव अनुष्ठान
✅ यजमान नाम से संकल्प
✅ Zoom / WhatsApp / Google Meet पर लाइव स्ट्रीमिंग
✅ PDF प्रमाण पत्र और हवन प्रसाद आपके पते पर भेजा जाता है
✅ विदेश से भी ऑनलाइन बुकिंग संभव

बुकिंग प्रक्रिया:

  • हमारे संपर्क फ़ॉर्म या व्हाट्सएप द्वारा जानकारी भेजें।
  • तिथि, उद्देश्य, और मंत्र संख्या चुनें।
  • भुगतान पुष्टि के बाद संकल्प लिया जाता है।

भगवान शिव की कृपा हेतु पवित्र उत्पाद संग्रह

📿 जानिए महामृत्युंजय जाप और हवन से संबंधित महत्वपूर्ण सवालों के जवाब

महामृत्युंजय जाप कब करना चाहिए?

👉 सोमवार, प्रदोष व्रत, श्रावण मास और महाशिवरात्रि सबसे शुभ माने जाते हैं।

👉 हाँ, पंडित जी घर पर या ऑनलाइन माध्यम से संकल्प लेकर यह पूजा कराते हैं।

👉 108, 1100, 11,000 या 1,25,000 बार – संकल्प के अनुसार।

👉 हाँ, संकल्प और मंत्रोच्चारण विधिवत होने पर फल समान रहता है।

👉 बेलपत्र, धतूरा, गाय का घी, चंदन, कपूर, हवन कुंड, धूप-दीप आदि।

👉 हाँ, परिवारजन या मित्र के नाम से भी संकल्प संभव है।

👉 कैंसर, हार्ट डिजीज, मानसिक तनाव, दुर्घटना या जीवन संकट के समय।

👉 विशेष रूप से राहु, केतु, शनि और मंगल दोष में यह अत्यंत प्रभावी है।

👉 हाँ, हवन पूर्ण होने के बाद हवन राख, तिलक और प्रमाण पत्र डाक द्वारा भेजे जाते हैं।

👉 हाँ, ऑनलाइन माध्यम से विदेश से भी बुकिंग और संकल्प संभव है।

👉 जाप की संख्या और विधि के अनुसार ₹1100 से ₹51000 तक।

👉 हाँ, यह भगवान शिव की कृपा से मृत्यु और भय के सभी योगों को शांत करती है।

👉 हाँ, यह पूजा पितृ दोष निवारण और पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए की जाती है।

👉 कम से कम वर्ष में एक बार श्रावण मास या शिवरात्रि में करवाना शुभ है।

👉 जी हाँ, जब जीवन में स्थिरता और शांति आती है तो निर्णय शक्ति बढ़ती है, जिससे कार्य में सफलता मिलती है।