हिंदू धर्म में पुराणों का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। ये ग्रंथ न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक दृष्टि से भी अमूल्य हैं। ‘पुराण’ शब्द का अर्थ है – प्राचीन कथा या इतिहास। ये ग्रंथ हमें वेदों के गूढ़ ज्ञान को सरल और रोचक कथाओं के माध्यम से समझाने का कार्य करते हैं।
1. पुराणों का स्वरूप और संख्या
पुराण कुल 18 प्रमुख ग्रंथों में विभाजित हैं, जिन्हें महापुराण कहा जाता है। इनके अतिरिक्त उपपुराण भी हैं। महापुराणों में से प्रत्येक किसी न किसी प्रमुख देवता (जैसे विष्णु, शिव, देवी, ब्रह्मा) की महिमा को दर्शाता है।
2. धर्म, आचार और नीति का ज्ञान
पुराणों में जीवन जीने की कला, धर्म (कर्तव्य), नीति, भक्ति, कर्म और मोक्ष का विस्तार से वर्णन मिलता है। ये हमें यह सिखाते हैं कि जीवन में सदाचार, संयम और सत्य का पालन कैसे किया जाए।
3. भक्ति और अध्यात्म का मार्गदर्शन
पुराणों में भगवान की विभिन्न लीलाओं, चमत्कारों और अवतारों का वर्णन मिलता है। ये कथाएँ श्रद्धालुओं में भक्ति, प्रेम और विश्वास को जागृत करती हैं। श्रीमद्भागवत पुराण में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का विस्तार से वर्णन किया गया है, जो भक्तियोग का एक महत्वपूर्ण आधार है।
4. ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व
पुराणों में भारत के प्राचीन इतिहास, राजवंशों, तीर्थों, पर्वों और संस्कृति की झलक मिलती है। ये ग्रंथ हमें भारतीय सभ्यता और परंपराओं की गहराई को समझने में मदद करते हैं।
5. कर्म और मोक्ष का सिद्धांत
पुराणों में बताया गया है कि अच्छे कर्मों का फल अच्छा और बुरे कर्मों का फल बुरा मिलता है। यह कर्म सिद्धांत हमें जीवन में उचित आचरण करने की प्रेरणा देता है। साथ ही, मोक्ष प्राप्ति का मार्ग भी दर्शाया गया है।
6. विज्ञान और ब्रह्मांड की रहस्यात्मक जानकारी
कुछ पुराणों में खगोलशास्त्र, सृष्टि की उत्पत्ति, ग्रहों की स्थिति और ब्रह्मांड के रहस्यों का उल्लेख मिलता है। विष्णु पुराण और भगवत पुराण में ब्रह्मांड की रचना और विभिन्न लोकों (स्वर्ग, पाताल आदि) की जानकारी दी गई है।
7. लोक कल्याण और सामाजिक शिक्षाएँ
पुराणों में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष – इन चारों पुरुषार्थों का ज्ञान मिलता है। ये हमें पारिवारिक और सामाजिक जिम्मेदारियों का बोध कराते हैं और नैतिक मूल्यों की शिक्षा देते हैं।
निष्कर्ष
पुराण हिंदू धर्म का अभिन्न अंग हैं। वे केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि वेदों का विस्तार हैं, जो हमें नीति, भक्ति, ज्ञान और जीवन का मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। पुराणों की कथाएँ हमें सच्चाई, ईमानदारी, प्रेम और कर्तव्यनिष्ठा का महत्व समझाती हैं और एक आदर्श जीवन जीने की प्रेरणा देती हैं।